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श्री बृहस्पति देव की आरती-Brihaspati Dev ki Aarti Lyrics Pdf ,गुरु बृहस्पति के 108 नाम

श्री बृहस्पति देव की आरती||Brihaspati Dev ki Aarti Lyrics Pdf

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विषयजानकारी
नामश्री बृहस्पति देव
अन्य नामगुरु, बृहस्पति, गुरु बृहस्पति, ब्राह्मस्पति, देवगुरु
वाहन हाथी
ग्रहबृहस्पति (Jupiter)
पतितारा (तारादेवी या बृहस्पतिनी के रूप में)
वास्तविक रूपगोल आकृति में व्यक्ति, पीत वस्त्र, चार हाथ, एक हंस के साथ
आराधना विधिबृहस्पतिवार को गुरुवार के रूप में, यानी बृहस्पति की पूजा विशेष रूप से बृहस्पतिवार को की जाती है
धरोहरयहां कुछ पुराणों और शास्त्रों में बताए गए अनुसार, गुरु बृहस्पति सभी ग्रहों के प्रभु के रूप में माने जाते हैं।
महत्वपूर्ण मंत्र“ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः” (Om Gram Greem Graum Sah Gurave Namah)
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श्री बृहस्पति देव की आरती||Brihaspati Dev ki Aarti Lyrics Pdf
श्री बृहस्पति देव की आरती-Brihaspati Dev ki Aarti Lyrics Pdf

श्री बृहस्पति देव की आरती-Brihaspati Dev ki Aarti Lyrics Pdf

जय वृहस्पति देवा,
ऊँ जय वृहस्पति देवा ।
छिन छिन भोग लगा‌ऊँ,
कदली फल मेवा ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तुम पूरण परमात्मा,
तुम अन्तर्यामी ।
जगतपिता जगदीश्वर,
तुम सबके स्वामी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

चरणामृत निज निर्मल,
सब पातक हर्ता ।
सकल मनोरथ दायक,
कृपा करो भर्ता ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

तन, मन, धन अर्पण कर,
जो जन शरण पड़े ।
प्रभु प्रकट तब होकर,
आकर द्घार खड़े ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

दीनदयाल दयानिधि,
भक्तन हितकारी ।
पाप दोष सब हर्ता,
भव बंधन हारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सकल मनोरथ दायक,
सब संशय हारो ।
विषय विकार मिटा‌ओ,
संतन सुखकारी ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

जो को‌ई आरती तेरी,
प्रेम सहित गावे ।
जेठानन्द आनन्दकर,
सो निश्चय पावे ॥

ऊँ जय वृहस्पति देवा,
जय वृहस्पति देवा ॥

सब बोलो विष्णु भगवान की जय ।
बोलो वृहस्पतिदेव भगवान की जय ॥

श्री बृहस्पति देव वाहन


श्री बृहस्पति देव का वाहन ऐरावत हाथी है। ऐरावत हाथी सफेद रंग का होता है और उसके चार दांत होते हैं। वह बहुत शक्तिशाली और बुद्धिमान होता है। ऐरावत हाथी को श्री बृहस्पति देव की शक्ति और बुद्धि का प्रतीक माना जाता है।

श्री बृहस्पति देव को विद्यापति भी कहा जाता है। वह ज्ञान और बुद्धि के देवता हैं। ऐरावत हाथी को ज्ञान और बुद्धि का भी प्रतीक माना जाता है। इसलिए, श्री बृहस्पति देव के वाहन के रूप में ऐरावत हाथी का चुनाव बहुत ही सार्थक है।

ऐरावत हाथी को भगवान विष्णु का भी वाहन माना जाता है। इसलिए, श्री बृहस्पति देव का ऐरावत हाथी को अपना वाहन बनाना यह भी दर्शाता है कि वे भगवान विष्णु के अवतार हैं।

श्री बृहस्पति देव के वाहन ऐरावत हाथी के बारे में कुछ अन्य रोचक तथ्य निम्नलिखित हैं:

  • ऐरावत हाथी के चार दांत होते हैं, जो चार वेदों का प्रतीक हैं।
  • ऐरावत हाथी के कान बहुत बड़े होते हैं, जो ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक हैं।
  • ऐरावत हाथी के पैर बहुत मजबूत होते हैं, जो शक्ति और पराक्रम का प्रतीक हैं।

श्री बृहस्पति देव के वाहन ऐरावत हाथी का हिंदू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। वह ज्ञान और बुद्धि का प्रतीक है और श्री बृहस्पति देव की शक्ति और पराक्रम का भी प्रतीक है।

Brihaspati Ashtottara Shatanamavali

Guru Brihaspati 108 Naam-गुरु बृहस्पति के 108 नाम

1. ॐ गुरवे नमः।

Om Gurave Namah।

2. ॐ गुणाकराय नमः।

Om Gunakaraya Namah।

3. ॐ गोप्त्रे नमः।

Om Goptre Namah।

4. ॐ गोचराय नमः।

Om Gocharaya Namah।

5. ॐ गोपतिप्रियाय नमः।

Om Gopatipriyaya Namah।

6. ॐ गुणिने नमः।

Om Gunine Namah।

7. ॐ गुणवतां श्रेष्ठाय नमः।

Om Gunavatam Shreshthaya Namah।

8. ॐ गुरूणां गुरवे नमः।

Om Gurunam Gurave Namah।

9. ॐ अव्ययाय नमः।

Om Avyayaya Namah।

10. ॐ जेत्रे नमः।

Om Jetre Namah।

11. ॐ जयन्ताय नमः।

Om Jayantaya Namah।

12. ॐ जयदाय नमः।

Om Jayadaya Namah।

13. ॐ जीवाय नमः।

Om Jivaya Namah।

14. ॐ अनन्ताय नमः।

Om Anantaya Namah।

15. ॐ जयावहाय नमः।

Om Jayavahaya Namah।

16. ॐ आङ्गिरसाय नमः।

Om Angirasaya Namah।

17. ॐ अध्वरासक्ताय नमः।

Om Adhvarasaktaya Namah।

18. ॐ विविक्ताय नमः।

Om Viviktaya Namah।

19. ॐ अध्वरकृत्पराय नमः।

Om Adhvarakritparaya Namah।

20. ॐ वाचस्पतये नमः।

Om Vachaspataye Namah।

21. ॐ वशिने नमः।

Om Vashine Namah।

22. ॐ वश्याय नमः।

Om Vashyaya Namah।

23. ॐ वरिष्ठाय नमः।

Om Varishthaya Namah।

24. ॐ वाग्विचक्षणाय नमः।

Om Vagvichakshanaya Namah।

25. ॐ चित्तशुद्धिकराय नमः।

Om Chittashuddhikaraya Namah।

26. ॐ श्रीमते नमः।

Om Shrimate Namah।

27. ॐ चैत्राय नमः।

Om Chaitraya Namah।

28. ॐ चित्रशिखण्डिजाय नमः।

Om Chitrashikhandijaya Namah।

29. ॐ बृहद्रथाय नमः।

Om Brihadrathaya Namah।

30. ॐ बृहद्भानवे नमः।

Om Brihadbhanave Namah।

31. ॐ बृहस्पतये नमः।

Om Brihaspataye Namah।

32. ॐ अभीष्टदाय नमः।

Om Abhishtadaya Namah।

33. ॐ सुराचार्याय नमः।

Om Suracharyaya Namah।

34. ॐ सुराराध्याय नमः।

Om Suraradhyaya Namah।

35ॐ सुरकार्यकृतोद्यमाय नमः।

Om Surakaryakritodyamaya Namah।

36. ॐ गीर्वाणपोषकाय नमः।

Om Girvanaposhakaya Namah।

37. ॐ धन्याय नमः।

Om Dhanyaya Namah।

38. ॐ गीष्पतये नमः।

Om Gishpataye Namah।

39. ॐ गिरीशाय नमः।

Om Girishaya Namah।

40. ॐ अनघाय नमः।

Om Anaghaya Namah।

41. ॐ धीवराय नमः।

Om Dhivaraya Namah।

42. ॐ धिषणाय नमः।

Om Dhishanaya Namah।

43. ॐ दिव्यभूषणाय नमः।

Om Divyabhushanaya Namah।

44. ॐ देवपूजिताय नमः।

Om Devapujitaya Namah।

45. ॐ धनुर्धराय नमः।

Om Dhanurdharaya Namah।

46. ॐ दैत्यहन्त्रे नमः।

Om Daityahantre Namah।

47. ॐ दयासाराय नमः।

Om Dayasaraya Namah।

48. ॐ दयाकराय नमः।

Om Dayakaraya Namah।

49. ॐ दारिद्र्यनाशनाय नमः।

Om Daridryanashanaya Namah।

50. ॐ धन्याय नमः।

Om Dhanyaya Namah।

Guru Brihaspati 108 Naam

51. ॐ दक्षिणायनसम्भवाय नमः।

Om Dakshinayanasambhavaya Namah।

52. ॐ धनुर्मीनाधिपाय नमः।

Om Dhanurminadhipaya Namah।

53. ॐ देवाय नमः।

Om Devaya Namah।

54. ॐ धनुर्बाणधराय नमः।

Om Dhanurbanadharaya Namah।

55. ॐ हरये नमः।

Om Haraye Namah।

56. ॐ अङ्गिरोवर्षसञ्जताय नमः।

Om Angirovarshasanjataya Namah।

57. ॐ अङ्गिरःकुलसम्भवाय नमः।

Om Angirahkulasambhavaya Namah।

58. ॐ सिन्धुदेशाधिपाय नमः।

Om Sindhudeshadhipaya Namah।

59. ॐ धीमते नमः।

Om Dhimate Namah।

60. ॐ स्वर्णकायाय नमः।

Om Swarnakayaya Namah।

61. ॐ चतुर्भुजाय नमः।

Om Chaturbhujaya Namah।

62. ॐ हेमाङ्गदाय नमः।

Om Hemangadaya Namah।

63. ॐ हेमवपुषे नमः।

Om Hemavapushe Namah।

64. ॐ हेमभूषणभूषिताय नमः।

Om Hemabhushanabhushitaya Namah।

65. ॐ पुष्यनाथाय नमः।

Om Pushyanathaya Namah।

66. ॐ पुष्यरागमणिमण्डलमण्डिताय नमः।

Om Pushyaragamanimandalamanditaya Namah।

67. ॐ काशपुष्पसमानाभाय नमः।

Om Kashapushpasamanabhaya Namah।

68. ॐ इन्द्राद्यमरसङ्घपाय नमः।

Om Indradyamarasanghapaya Namah।

69. ॐ असमानबलाय नमः।

Om Asamanabalaya Namah।

70. ॐ सत्त्वगुणसम्पद्विभावसवे नमः।

Om Sattvagunasampadvibhavasave Namah।

71. ॐ भूसुराभीष्टदाय नमः।

Om Bhusurabhishtadaya Namah।

72. ॐ भूरियशसे नमः।

Om Bhuriyashase Namah।

73. ॐ पुण्यविवर्धनाय नमः।

Om Punyavivardhanaya Namah।

74. ॐ धर्मरूपाय नमः।

Om Dharmarupaya Namah।

75. ॐ धनाध्यक्षाय नमः।

Om Dhanadhyakshaya Namah।

76. ॐ धनदाय नमः।

Om Dhanadaya Namah।

77. ॐ धर्मपालनाय नमः।

Om Dharmapalanaya Namah।

78. ॐ सर्ववेदार्थतत्त्वज्ञाय नमः।

Om Sarvavedarthatattvagyaya Namah।

79. ॐ सर्वापद्विनिवारकाय नमः।

Om Sarvapadvinivarakaya Namah।

80. ॐ सर्वपापप्रशमनाय नमः।

Om Sarvapapaprashamanaya Namah।

81. ॐ स्वमतानुगतामराय नमः।

Om Svamatanugatamaraya Namah।

82. ॐ ऋग्वेदपारगाय नमः।

Om Rigvedaparagaya Namah।

83. ॐ ऋक्षराशिमार्गप्रचारवते नमः।

Om Riksharashimargapracharavate Namah।

84. ॐ सदानन्दाय नमः।

Om Sadanandaya Namah।

85. ॐ सत्यसन्धाय नमः।

Om Satyasandhaya Namah।

86. ॐ सत्यसङ्कल्पमानसाय नमः।

Om Satyasankalpamanasaya Namah।

87. ॐ सर्वागमज्ञाय नमः।

Om Sarvagamagyaya Namah।

88. ॐ सर्वज्ञाय नमः।

Om Sarvagyaya Namah।

89. ॐ सर्ववेदान्तविदे नमः।

Om Sarvavedantavide Namah।

90. ॐ ब्रह्मपुत्राय नमः।

Om Brahmaputraya Namah।

91. ॐ ब्राह्मणेशाय नमः।

Om Brahmaneshaya Namah।

92. ॐ ब्रह्मविद्याविशारदाय नमः।

Om Brahmavidyavisharadaya Namah।

93. ॐ समानाधिकनिर्मुक्ताय नमः।

Om Samanadhikanirmuktaya Namah।

94. ॐ सर्वलोकवशंवदाय नमः।

Om Sarvalokavashanvadaya Namah।

95. ॐ ससुरासुरगन्धर्ववन्दिताय नमः।

Om Sasurasuragandharvavanditaya Namah।

96. ॐ सत्यभाषणाय नमः।

Om Satyabhashanaya Namah।

Guru Brihaspati 108 Naam

97. ॐ बृहस्पतये नमः।

Om Brihaspataye Namah।

98. ॐ सुराचार्याय नमः।

Om Suracharyaya Namah।

99. ॐ दयावते नमः।

Om Dayavate Namah।

100. ॐ शुभलक्षणाय नमः।

Om Shubhalakshanaya Namah।

101. ॐ लोकत्रयगुरवे नमः।

Om Lokatrayagurave Namah।

102. ॐ श्रीमते नमः।

Om Shrimate Namah।

103. ॐ सर्वगाय नमः।

Om Sarvagaya Namah।

104. ॐ सर्वतो विभवे नमः।

Om Sarvato Vibhave Namah।

105. ॐ सर्वेशाय नमः।

Om Sarveshaya Namah।

106. ॐ सर्वदातुष्टाय नमः।

Om Sarvadatushtaya Namah।

107. ॐ सर्वदाय नमः।

Om Sarvadaya Namah।

108. ॐ सर्वपूजिताय नमः।

Om Sarvapujitaya Namah।

गुरु के इन 108 नाम का जप करने से पहले भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति की पूजा-अर्चना करें। उन्हें उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाएं। फिर इन नामों का सच्चे मन से जाप करके अंत में आरती करें।

BEST WAY TO LEARN SOLAR SYSTEM IN HINDI | सौरमंडल क्या है | सौर परिवार के 8 ग्रहों के नाम ।

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