कामदा एकादशी कब है 2024 में (Kamada Ekadashi Kab Hai 2024): कामदा एकादशी को विशेष महत्व दिया जाता है और इसे भगवान विष्णु की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस एकादशी के दिन भगवान विष्णु सभी भक्तों की कामनाएं पूरी करते हैं और उन्हें अपनी कृपा से आशीर्वाद प्रदान करते हैं। यह त्योहार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को समर्पित है, जो मार्च और अप्रैल के बीच आता है।
कामदा एकादशी कब है 2024 में (Kamada Ekadashi Kab Hai 2024), प्रकार , महत्व व पूजा एवं व्रत की विधि
कामदा एकादशी पूजा 2024 के तारीख व कैलेंडर:
त्यौहार के नाम | दिन | त्यौहार के तारीख |
---|---|---|
कामदा एकादशी पूजा | शुक्रवार | 19 अप्रैल 2024 |
कामदा एकादशी पूजा समय :
एकादशी तिथि शुरू : 17:30 – 18 अप्रैल 2024
एकादशी तिथि ख़त्म : 20:05 – 19 अप्रैल 2024
All 26 Ekadashi kab hai 2024 एकादशी कब है 2024 में , प्रकार , महत्व व पूजा एवं व्रत की विधि
यहां भारतीय हिन्दू पंचांग के अनुसार कामदा एकादशी पूजा 2024 की तारीख दी गई है:
- त्यौहार के नाम: कामदा एकादशी पूजा
- दिन: शुक्रवार
- त्यौहार के तारीख: 19 अप्रैल 2024
कामदा एकादशी पूजा समय: kamada ekadashi parana time 2023
- एकादशी तिथि शुरू: 17:30 – 18 अप्रैल 2024
- एकादशी तिथि ख़त्म: 20:05 – 19 अप्रैल 2024
इस समय में भक्तों को एकादशी व्रत की उपवास और पूजा का आयोजन करना चाहिए, जिससे वे भगवान विष्णु की कृपा और आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।
कामदा एकादशी की मुख्य विधि और महत्व:
- उपवास (व्रत): इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और एकादशी तिथि के दिन सिर्फ एक बार भोजन करते हैं, जो स्वयं की प्रिय भोजन से भी व्रती रहता है।
- पूजा-अर्चना: भक्त इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करते हैं। तुलसी के पत्ते भी इस पूजा के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। पूजा में तुलसी के पत्तों का उपयोग, फल, फूल, और गंध के साथ किया जाता है।
- जागरण और कीर्तन: भक्त इस दिन रात्रि में जागरण करते हैं और भजन-कीर्तन में भाग लेते हैं।
- विशेष दान और पुण्य क्रियाएं: इस दिन भक्तों को दान देने, अच्छे कार्यों में लगने और अन्य पुण्य क्रियाओं में शामिल होने का प्रेरणा मिलता है।
कामदा एकादशी का पालन करने से मान्यता है कि भगवान विष्णु भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं और उन्हें सुख-शांति प्रदान करते हैं।
कामदा एकादशी की विधि:
- उपवास का पालन: भक्त इस दिन उपवास रखते हैं और सिर्फ एक बार भोजन करते हैं।
- पूजा-अर्चना: भक्त भगवान विष्णु की मूर्ति को साधुता और श्रद्धा भाव से पूजते हैं। तुलसी के पत्ते, फल, फूल, और गंध का उपयोग पूजा में किया जाता है।
- जागरण और कीर्तन: रात्रि में जागरण करने और भजन-कीर्तन में भाग लेने से यह त्योहार और भी प्रमाणित होता है।
- दान-पुण्य क्रियाएं: भक्तों को दान देने, सेवा में योगदान करने, और अच्छे कर्मों का पालन करने का भी महत्वपूर्ण हिस्सा है।
इस प्रकार, कामदा एकादशी का पालन करने से भक्त अपने मानवीय और आध्यात्मिक जीवन में सुधार कर सकते हैं और भगवान की कृपा को प्राप्त कर सकते हैं।
कामदा एकादशी का पारण करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:
ॐ श्रीमद्भगवद्गीतायै नमः
ॐ नमो भगवते वासुदेवाय
ॐ नमो नारायणाय
ॐ नमो महाविष्णवे
पारण के बाद भगवान विष्णु की आरती करें और फिर फलों, सब्जियों, दूध या दही का हल्का भोजन करें।
कामदा एकादशी का पारण करने के लिए कुछ अन्य सुझाव:
- पारण से पहले एक बार भगवान विष्णु की पूजा करें।
- पारण के लिए शुद्ध स्थान और सामग्री का प्रयोग करें।
- पारण करते समय मन को शांत रखें और भगवान विष्णु का ध्यान करें।
कामदा एकादशी का पारण करने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। यह व्रत मन और शरीर को शुद्ध करता है और आध्यात्मिक ज्ञान की प्राप्ति में मदद करता है।