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हनुमान जी की आरती Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics PDF – Dive into Divine Hymns of Devotion हनुमान आरती इन हिंदी PDF

हनुमान जी की आरती || Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics PDF || हनुमान आरती इन हिंदी PDF


हनुमान जी की आरती Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics PDF, जो श्री हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा, बड़े मंगलवार, और अखंड रामायण के पाठ में प्रमुखता से गाई जाती है, वह एक पवित्र ध्वनि है जो भक्तों को भगवान हनुमान की उपासना में लुब्ध करती है। इस आरती में हनुमान जी की महिमा, भक्ति, और सेवा की महत्ता का गान किया जाता है, जिससे सुनने वालों का हृदय पवित्रता और शांति से भरा होता है। इस आरती का पाठ श्रद्धालुओं को हनुमान जी की कृपा एवं आशीर्वाद प्रदान करने का उद्देश्य रखता है, और उन्हें ध्यान में ले जाने में सहायक होता है।

विशेषताजानकारी
नामहनुमान
अन्य नामबजरंगबली, मारुति, अंजनेय, केसरी नंदन
उपाधीपवनपुत्र (हवा का पुत्र), महावीर (महान योद्धा)
भगवान के भक्तश्रीराम
जन्मस्थानअंजनेरी (वर्तमान महाराष्ट्र के किश्किंधा)
माता-पिताअंजना / अंजनी (माता), केसरी (पिता)
पत्नीसुवर्चला
संबंधश्रीराम के भक्त, रामायण में केंद्रीय पात्र
लक्षणबंदर चेहरा, बलवान, भक्त, निष्ठावान
शक्तियाँउड़ान, अत्यंत बल, आकार परिवर्तन की क्षमता
रामायण में भूमिकासीता की खोज में महत्वपूर्ण भूमिका, रावण के खिलाफ युद्ध में भी भागीदारी
हनुमान चालीसाहनुमान को समर्पित भक्तिपूर्ण स्तुति, तुलसीदास द्वारा रचित
प्रतीकताभक्ति, निष्ठा, बल, और बिना स्वार्थ की सेवा का प्रतीक
हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित-Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi Pdf
हनुमान जी की आरती || Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics PDF || हनुमान आरती इन हिंदी PDF
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हनुमान जी की आरती Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics PDF – हनुमान आरती इन हिंदी PDF

हनुमान जी की आरती हिंदी में

॥ श्री हनुमंत स्तुति ॥
मनोजवं मारुत तुल्यवेगं,
जितेन्द्रियं, बुद्धिमतां वरिष्ठम् ॥
वातात्मजं वानरयुथ मुख्यं,
श्रीरामदुतं शरणम प्रपद्धे ॥

॥ आरती ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥

जाके बल से गिरवर काँपे ।
रोग-दोष जाके निकट न झाँके ॥
अंजनि पुत्र महा बलदाई ।
संतन के प्रभु सदा सहाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

दे वीरा रघुनाथ पठाए ।
लंका जारि सिया सुधि लाये ॥
लंका सो कोट समुद्र सी खाई ।
जात पवनसुत बार न लाई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

लंका जारि असुर संहारे ।
सियाराम जी के काज सँवारे ॥
लक्ष्मण मुर्छित पड़े सकारे ।
लाये संजिवन प्राण उबारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

पैठि पताल तोरि जमकारे ।
अहिरावण की भुजा उखारे ॥
बाईं भुजा असुर दल मारे ।
दाहिने भुजा संतजन तारे ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

सुर-नर-मुनि जन आरती उतरें ।
जय जय जय हनुमान उचारें ॥
कंचन थार कपूर लौ छाई ।
आरती करत अंजना माई ॥
आरती कीजै हनुमान लला की ॥

जो हनुमानजी की आरती गावे ।
बसहिं बैकुंठ परम पद पावे ॥
लंक विध्वंस किये रघुराई ।
तुलसीदास स्वामी कीर्ति गाई ॥

आरती कीजै हनुमान लला की ।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की ॥
॥ इति संपूर्णंम् ॥

हनुमान जी की आरती लिखित में

प्रश्न: हनुमान चालीसा किसने लिखी?

उत्तर: हनुमान चालीसा को महान कवि तुलसीदास ने रचा था।

प्रश्न: कौन लॉर्ड हनुमान को हरा सकता है?

उत्तर: हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान हनुमान को अजेय माना जाता है, और उसे हारने की शक्ति किसी के पास नहीं है।

प्रश्न: हनुमान चालीसा किसने लिखी?

उत्तर: हनुमान चालीसा को प्रसिद्ध कवि-संत तुलसीदास ने रचा था।

प्रश्न: 2024 में हनुमान जयंती कब है?

उत्तर:  गणना के अनुसार 2024 में हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।

प्रश्न: द लेजेंड ऑफ हनुमान कहां देखी जा सकती है?

‘द लीजेंड ऑफ हनुमान’ के दो सीजन को दर्शकों का खूब प्यार मिला था। एनिमेटेड महाकाव्य के दो सीजन के सफल होने के बाद अब डिज्नी प्लस हॉटस्टार जल्द ही शो का तीसरा सीजन लाने की तैयारी में है।

प्रश्न: हनुमान जयंती कब है?

हनुमान जयंती 23 अप्रैल 2024 दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।

प्रश्न: हनुमान अब कहां है?

उत्तर: हनुमान, हिन्दू धर्म में एक दैवत होने के नाते, भक्तों के दिलों में पूजा जाता है। उसका आध्यात्मिक हाजिरी अंतर्ज्ञानी माना जाता है।

प्रश्न: हनुमान कौन है?

उत्तर: हनुमान, एक पुराणी कथा, रामायण, में अपने अद्वितीय भक्ति के लिए प्रसिद्ध है। वह हिन्दू धर्म के एक महत्वपूर्ण देवता है।

प्रश्न: भगवान हनुमान से मदद कैसे मांगें?

उत्तर: भक्त अक्सर भगवान हनुमान को उनकी प्रार्थनाएं, जैसे हनुमान चालीसा, की पठन से उन्हें भगवान हनुमान को पुकारते हैं।

प्रश्न: पृथ्वी पर सबसे लंबा आदमी कौन है, हनुमान?

उत्तर: हनुमान हिन्दू पौराणिक कथाओं में एक दैवी संख्या है, और उसकी शारीरिक ऊचाई का वर्णन प्रतीकात्मक है। यह महत्वपूर्ण है कि हनुमान एक मानव नहीं, बल्कि एक दैवी है।

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