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Hartalika Teej 2024: कब है हरतालिका तीज? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Hartalika Teej 2024|| कब है हरतालिका तीज

हरतालिका तीज 2024 (Hartalika Teej 2024), जो भारत और नेपाल में मनाया जाता है, एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है जो विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों द्वारा मनाया जाता है। यह तीज भगवान शिव और पार्वती के बीच हुआ विवाह की कथा पर आधारित है। यह त्योहार भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो अक्टूबर या सितंबर महीने में हो सकता है। यह तीज सामान्यत: श्रावण मास के हरियाली तीज के दिन के पहले व्रत के दिन की जाती है।

Hartalika Teej 2024: कब है हरतालिका तीज? जानें शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Hartalika Teej 2024|| कब है हरतालिका तीज

हरतालिका तीज पूजा 2024 के तारीख व कैलेंडर:

त्यौहार के नामदिनत्यौहार के तारीख
हरतालिका तीज पूजाशुक्रवार6 सितंबर 2024
 हरतालिका तीज पूजा समय :
तृतीया तिथि शुरू : 12:25 – 5 सितंबर 2024
तृतीया तिथि ख़त्म : 15:05 – 6 सितंबर 2024


हरतालिका तीज 2024

यहां हरतालिका तीज के मुख्य विवरण हैं:

शुभ मुहूर्त:

  • हरतालिका तीज व्रत का प्रारंभ: 6 सितंबर, 2024, सुबह 6:00 बजे
  • हरतालिका तीज व्रत का समापन: 7 सितंबर, 2024, शाम 7:24 बजे
  • हरतालिका तीज के शुभ मुहूर्त और व्रत का समय स्थानीय पंचांग और विधि के अनुसार बदल सकता है। स्थानीय पंचांग या पूजा स्थल के पुजारी से इसकी जानकारी प्राप्त करना सबसे अच्छा होगा।

पूजन विधि:

  1. हरतालिका तीज के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र धारण करें।
  2. घर के मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें।
  3. प्रतिमाओं को गंगा जल से स्नान कराएं और फूल, माला, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें।
  4. शिव-पार्वती की आरती करें और हरतालिका व्रत कथा सुनें।
  5. पूरे दिन निर्जला व्रत रखें और रात्रि में शिव-पार्वती का जागरण करें।
  6. व्रत की शुरुआत विशेष पूजा-अर्चना और गानों के साथ होती है, जिसमें भगवान शिव और पार्वती की कथा की जाती है।
  7. महिलाएं विशेष रूप से हरतालिका कथा को सुनती हैं और शिव-पार्वती की मूर्ति को बनाती हैं।
  8. व्रती नारियों को दुपहर को निर्जला व्रत का पालन करना होता है, जिसमें बिना पानी के व्रत रखा जाता है।
  9. गौरी पूजा के बाद, सायंकाल में उत्तर दिशा की ओर दीप जलाए जाते हैं और पुजारी के माध्यम से आरती दी जाती है।

हरतालिका तीज का महत्व (Hartalika Teej Ka Mahatva):

  • हरतालिका तीज का व्रत विवाहित स्त्रियों के लिए खुशी, सुख, और पतिव्रता जीवन की कामना करता है।
  • इसे भगवान शिव और पार्वती के विवाह की स्मृति में मनाने का कारण माना जाता है, जो सात दिनों के व्रत के बाद हुआ था।

हरतालिका तीज का हिंदू धर्म में विशेष महत्व है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखती हैं। हरतालिका तीज की कथा के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इस दिन भगवान शिव ने माता पार्वती से विवाह किया था। इसलिए हरतालिका तीज को शिव-पार्वती के पुनर्मिलन का दिन भी माना जाता है।

हरतालिका तीज के दिन महिलाएं नए वस्त्र धारण करती हैं और अपने घरों को सजाती हैं। इस दिन महिलाएं मिठाइयां और पकवान बनाती हैं। हरतालिका तीज के दिन महिलाएं एक-दूसरे को शुभकामनाएं देती हैं।

इस त्योहार में व्रती स्त्रियाँ श्रद्धा और व्रत का पालन करती हैं तथा इस अवसर पर भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।

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FAQ

1. हरतालिका तीज क्या है?

हरतालिका तीज एक हिन्दू त्योहार है जो भगवान शिव और पार्वती के विवाह की कथा पर आधारित है। यह त्योहार विशेष रूप से विवाहित स्त्रियों के बीच दृढ़ता, प्रेम, और सौभाग्य की कामना के साथ मनाया जाता है।

2. हरतालिका तीज कब मनाया जाता है?

हरतालिका तीज भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है, जो अक्टूबर या सितंबर महीने में हो सकता है। यह तीज सामान्यत: श्रावण मास के हरियाली तीज के दिन के पहले व्रत के दिन की जाती है।

3. हरतालिका तीज के दिन क्या अहमियत है?

हरतालिका तीज के दिन विवाहित स्त्रियाँ व्रत रखती हैं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। इस दिन व्रती स्त्रियाँ विशेष रूप से सनान करती हैं और व्रत के दौरान निर्जला व्रत रखती हैं, जिसमें बिना पानी के व्रत रखा जाता है।

4. हरतालिका तीज की पूजन विधि में क्या होता है?

हरतालिका तीज के दिन पूजा में भगवान शिव और पार्वती की मूर्तियों को सजाकर उन्हें पूजा जाता है। व्रती स्त्रियाँ तीज की कथा को सुनती हैं और उन्हें दृढ़ता और पतिव्रता जीवन की प्राप्ति के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

5. हरतालिका तीज के दिन कैसे मनाया जाता है?

हरतालिका तीज के दिन व्रती स्त्रियाँ सुबह से ही निर्जला व्रत का पालन करती हैं। इसके बाद, व्रती स्त्रियाँ तीज की कथा को सुनती हैं और भगवान शिव-पार्वती की पूजा करती हैं। व्रत के दौरान विशेष रूप से भोग और पुष्पों की अर्पणा की जाती है। सायंकाल में उत्तर दिशा की ओर दीप जलाए जाते हैं और पुजारी के माध्यम से आरती दी जाती है।

6. हरतालिका तीज के बाद क्या किया जाता है?

हरतालिका तीज के बाद, व्रती स्त्रियाँ विशेष रूप से पुजा में शामिल होने वाले विधियों का पालन करती हैं और तीज का व्रत समाप्त होने पर निर्जला व्रत को तोड़ती हैं। व्रत समाप्त होने के बाद, व्रती स्त्रियाँ भोजन कर सकती हैं और दूसरों को भी प्रसाद बाँट सकती हैं।

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