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जानें होली कब है 2024-Holi Kab Hai 2024 होलिका दहन की तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व

होली कब है 2024 || Holi Kab Hai 2024 || Holika Dahan 2024 || Holika Dahan 2024 Shubh Muhurat || Holi 2024 Date || होली से जुड़ी पौराणिक कथाएं

Holi 2024 Date: हिन्दू धर्म में होली का त्योहार दिवाली के बाद सबसे ज्यादा महत्व वाला त्योहार माना जाता है। जानें होली कब है 2024-Holi Kab Hai 2024 होलिका दहन की तारीख, शुभ मुहूर्त और महत्व, हिन्दू पंचांग के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा को प्रदोष काल में होलिका का दहन (Holika Dahan ) होता है इसके ठीक अगले दिन यानि चैत्र कृष्ण प्रतिपदा को होली खेली जाती है।

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Holi 2024 Date होली कब है 2024-Holi Kab Hai 2024

इस वर्ष होली का त्योहार 24 मार्च दिन रविवार को मनाया जाएगा। वही 25 मार्च को होली खेली जाएगी। 25 मार्च यानि सोमवार के दिन लोग एक- दूसरे को  रंग, अबीर, गुलाल लगाएंगे औरसभी को  बधाई एवं शुभकामनाएं देंगे, आइए जानते है इस वर्ष होली कब (Holi kab hai 2024) है? होलिका दहन कब (Holika Dahan 2024) है और होलिका दहन का समय क्या है?

होली, भारत में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो वसंत ऋतु में मनाया जाता है। यह त्योहार रंग भरा होता है और लोग एक दूसरे पर अद्भुत रंगों की गुलाल फेंककर खुशी मनाते हैं।

होली का अर्थ होता है ‘प्रेम और सौहार्द’। यह एक बड़ा मिलनसर त्योहार है जिसमें लोग अपने दोस्तों, परिवारजनों, और पड़ोसीयों के साथ मिलकर खुशियां मनाते हैं।

होली का मुख्य आयोजन रंगों के साथ खेलना है। लोग एक दूसरे पर गुलाल फेंकते हैं। इस दिन को विशेषत: बच्चे होली खेलने के लिए बहुत उत्साहित होते हैं।

होली के दिन पूजा भी की जाती है। लोग मन्दिरों में जाकर भगवान की पूजा करते हैं और अपने जीवन में खुशियों की प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं।

इस दिन को एक छुट्टी के रूप में भी मनाया जाता है, जिसमें लोग अपने दिनचर्या से बाहर निकलकर मिलते हैं और एक दूसरे के साथ समय बिताते हैं।

होली एक रंगीन और धार्मिक त्योहार है जो जीवन में रंग भर देता है और लोगों को मिलकर खुशियों का अहसास कराता है।

होली से जुड़ी पौराणिक कथाएं

होली से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं जो हिन्दू धर्म में प्रचलित हैं। यह कथाएं विभिन्न पुराणों और लोककथाओं से ली गई हैं। यहां कुछ प्रमुख कथाएं हैं:

  1. हिरण्यकशिपु और प्रह्लाद: यह कथा भगवान विष्णु के अवतार नृसिंह के साथ जुड़ी है। दानव राजा हिरण्यकशिपु भगवान विष्णु के प्रति घमंड और अविश्वास की भावना रखता था। उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त था। हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका की सहायता से प्रह्लाद को मारने का प्रयास किया, लेकिन भगवान नृसिंह ने होलीका को भस्म कर दिया और प्रह्लाद को बचा लिया। इसी दिन को होली मनायी जाती है।
  2. कृष्ण और राधा का रासलीला: होली का महत्वपूर्ण हिस्सा है कृष्ण और राधा के बीच रासलीला का। लोग मानते हैं कि कृष्ण और राधा ने होली के दिन रंगों से खेला और एक दूसरे को रंगा। इसे एक प्यार भरा और खुशी भरा मोमेंट माना जाता है।
  3. होलिका दहन: इस कथा के अनुसार, प्रहलाद के पिता हिरण्यकशिपु की बहन होलिका एक आसन पर बैठकर प्रहलाद को गोद लेने का प्रयास करती हैं ताकि उसका भक्ति बदल सके। लेकिन भगवान की अद्भुत कृपा से होलिका अग्नि में समाहित हो जाती है, जबकि प्रहलाद सुरक्षित रहता है। इस घटना को स्मरण करते हुए होली के दिन को होलिका दहन के रूप में मनाया जाता है।

ये कथाएं होली के पर्व को और भी मनोरंजक और धार्मिक बनाती हैं और लोगों को इसे एक विशेष त्योहार के रूप में मनाने के लिए प्रेरित करती हैं।

होलिका दहन 2024 (Holika Dahan 2024)

होलिका दहन: रविवार, मार्च 24, 2024 (Holika Dahan 2024 Shubh Muhurat)

होलिका दहन शुभ मुहूर्त: 11:13 पीएम से 12:27 एएम, मार्च 25
अवधि: 01 घण्टा 14 मिनट्स
भद्रा पूंछ – 06:33 पीएम से 07:53 पीएम
भद्रा मुख – 07:53 पीएम से 10:06 पीएम
प्रदोष के दौरान होलिका दहन भद्रा के साथ

अस्तुति (Disclaimer): इस लेख में प्रदान की गई जानकारी/सामग्री/डेटा की सटीकता या विश्वसनीयता की कोई गारंटी नहीं है। यह जानकारी विभिन्न स्रोतों से संग्रहित की गई है, जिसमें समाहित हैं विभिन्न माध्यम, ज्योतिषीय पूर्वानुमान, पंचांग, प्रवचन, धार्मिक आस्थाएं, और धर्मग्रंथों से, कुछ जो कि ऑनलाइन भी उपलब्ध हुए हैं । हमारा एकमात्र उद्देश्य सूचना साझा करना है। इसके अतिरिक्त, इसका किसी भी प्रकार से उपयोग के लिए जिम्मेदारी सिर्फ उपयोगकर्ता या पाठक पर होगी। ChalisaTim.ecom इससे किसी भी तरह की जिम्मेदारी नहीं लेगा।

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