श्री शनि देव चालीसा (Shri Shani Dev Chalisa) के साथ श्री शनि देव की दिव्य आशीर्वाद को आमंत्रित करें। हिंदी में श्री शनि चालीसा लिरिक्स (Shani Chalisa Lyrics in Hindi) का आनंद लें, जो भगवान शनि को समर्पित एक पवित्र हिम्न है। इस शुभ गान को सुनकर सुरक्षा, न्याय और आध्यात्मिक विकास की कामना करें। भक्तिपूर्ण माहौल में डूबकर, श्री शनि देव चालीसा के दिव्य स्वरूप का अध्ययन करें। इस प्रार्थना की अद्वितीय शक्ति का पता करें, समर्थन और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देने वाला यात्रा करें। श्री शनि देव के साथ एक आध्यात्मिक अनुभव में खुद को शामिल करें।
Table of Contents
विशेषता | जानकारी |
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पूरा नाम | श्री शनि देव |
भूमिका | शनि ग्रह से जुड़े देवता |
रूपरेखा | सामान्यत: काले रंग में, एक कौआ पर बैठे हुए |
प्रतीकमता | अनुशासन, कर्म, और धर्म का प्रतीक |
पूजा का दिन | शनिवार |
वाहन | वाहन – कौआ |
मंत्र | “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” |
लाभ | न्याय, सफलता, और आध्यात्मिक विकास में मदद करने का बेलिव किया जाता है |
मुख्य शिक्षाएं | अनुशासन, मेहनत, और धर्म का पालन करने की जरूरत |
प्रसिद्ध प्रार्थना | शनि चालीसा |
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श्री शनि देव: अद्वितीय ग्रह का देवता
भारतीय संस्कृति में नौ ग्रहों का महत्वपूर्ण स्थान है, और इनमें से एक है शनि ग्रह। शनि देव, जिन्हें शनि ग्रह का स्वामी माना जाता है, एक अद्वितीय और प्रभावशाली देवता हैं। वह विचारशीलता, कर्म, और धर्म का प्रतीक हैं और श्रद्धालुओं के बीच में उच्च मानकों को प्रमोट करते हैं।
शनि देव का रूप आमतौर पर काले रंग के और वृषभ के वाहन पर बैठे हुए दर्शाया जाता है। उनकी धारा में सारे शिक्षा और ज्ञान का प्रतीक होते हैं। वह सतत तपस्या करते रहते हैं और अपने भक्तों को उच्च मानकों का पालन करने के लिए प्रेरित करते हैं।
शनि देव की पूजा का समय शनिवार होता है, और उनकी उपासना से व्यक्ति को कर्मफल में संतुलन और समृद्धि की प्राप्ति होती है। उनकी कृपा से दुःखों और संघर्षों का परिहार होता है और भक्त उन्हें न्याय और सत्य की प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
शनि देव के भक्तों का मानना है कि उनकी पूजा से कुछ विशेष उपहार प्राप्त होते हैं, जैसे कि न्याय, सफलता, और उच्चतम मानकों की प्राप्ति। उनके दर्शन से भक्तों को शांति और उत्तराधिकारिता का आभास होता है।
शनि देव एक साकार और निराकार रूप में पूजे जाते हैं और उनकी कृपा से भक्तों की जीवन में स्थिति में सुधार होता है। उनकी पूजा से व्यक्ति को कर्मफल की सही दिशा मिलती है और उन्हें धार्मिकता और नैतिकता के मार्ग पर चलने का मार्गदर्शन होता है।
श्रद्धालु शनि देव की कृपा को प्राप्त करते हैं और उनके साथ उनके कार्यों में सतत समर्थन पा रहे हैं। इस प्रकार, श्री शनि देव भक्तों के जीवन में उद्दीपन और सत्य के प्रति प्रतिबद्धता के साथ एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
हनुमान चालीसा हिंदी में अर्थ सहित-Hanuman Chalisa Lyrics in Hindi Pdf
Shri Shani Dev Chalisa-श्री शनि चालीसा
दोहा
जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल।
दीनन के दुख दूर करि, कीजै नाथ निहाल॥
जय जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महाराज।
करहु कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज॥
Shani Chalisa Lyrics in Hindi
जयति जयति शनिदेव दयाला।
करत सदा भक्तन प्रतिपाला॥
चारि भुजा, तनु श्याम विराजै।
माथे रतन मुकुट छबि छाजै॥
परम विशाल मनोहर भाला।
टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला॥
कुण्डल श्रवण चमाचम चमके।
हिय माल मुक्तन मणि दमके॥
कर में गदा त्रिशूल कुठारा।
पल बिच करैं अरिहिं संहारा॥
पिंगल, कृष्णो, छाया नन्दन।
यम, कोणस्थ, रौद्र, दुखभंजन॥
सौरी, मन्द, शनी, दश नामा।
भानु पुत्र पूजहिं सब कामा॥
जा पर प्रभु प्रसन्न ह्वैं जाहीं।
रंकहुँ राव करैं क्षण माहीं॥
पर्वतहू तृण होई निहारत।
तृणहू को पर्वत करि डारत॥
राज मिलत बन रामहिं दीन्हयो।
कैकेइहुँ की मति हरि लीन्हयो॥
बनहूँ में मृग कपट दिखाई।
मातु जानकी गई चुराई॥
लखनहिं शक्ति विकल करिडारा।
मचिगा दल में हाहाकारा॥
रावण की गति-मति बौराई।
रामचन्द्र सों बैर बढ़ाई॥
दियो कीट करि कंचन लंका।
बजि बजरंग बीर की डंका॥
नृप विक्रम पर तुहि पगु धारा।
चित्र मयूर निगलि गै हारा॥
हार नौलखा लाग्यो चोरी।
हाथ पैर डरवायो तोरी॥
भारी दशा निकृष्ट दिखायो।
तेलिहिं घर कोल्हू चलवायो॥
विनय राग दीपक महं कीन्हयों।
तब प्रसन्न प्रभु ह्वै सुख दीन्हयों॥
हरिश्चन्द्र नृप नारि बिकानी।
आपहुं भरे डोम घर पानी॥
तैसे नल पर दशा सिरानी।
भूंजी-मीन कूद गई पानी॥
श्री शंकरहिं गह्यो जब जाई।
पारवती को सती कराई॥
तनिक विलोकत ही करि रीसा।
नभ उड़ि गयो गौरिसुत सीसा॥
पाण्डव पर भै दशा तुम्हारी।
बची द्रौपदी होति उघारी॥
कौरव के भी गति मति मारयो।
युद्ध महाभारत करि डारयो॥
रवि कहँ मुख महँ धरि तत्काला।
लेकर कूदि परयो पाताला॥
शेष देव-लखि विनती लाई।
रवि को मुख ते दियो छुड़ाई॥
वाहन प्रभु के सात सुजाना।
जग दिग्गज गर्दभ मृग स्वाना॥
जम्बुक सिंह आदि नख धारी।
सो फल ज्योतिष कहत पुकारी॥
गज वाहन लक्ष्मी गृह आवैं।
हय ते सुख सम्पति उपजावैं॥
गर्दभ हानि करै बहु काजा।
सिंह सिद्धकर राज समाजा॥
जम्बुक बुद्धि नष्ट कर डारै।
मृग दे कष्ट प्राण संहारै॥
जब आवहिं प्रभु स्वान सवारी।
चोरी आदि होय डर भारी॥
तैसहि चारि चरण यह नामा।
स्वर्ण लौह चाँदी अरु तामा॥
लौह चरण पर जब प्रभु आवैं।
धन जन सम्पत्ति नष्ट करावैं॥
समता ताम्र रजत शुभकारी।
स्वर्ण सर्व सर्व सुख मंगल भारी॥
जो यह शनि चरित्र नित गावै।
कबहुं न दशा निकृष्ट सतावै॥
अद्भुत नाथ दिखावैं लीला।
करैं शत्रु के नशि बलि ढीला॥
जो पण्डित सुयोग्य बुलवाई।
विधिवत शनि ग्रह शांति कराई॥
पीपल जल शनि दिवस चढ़ावत।
दीप दान दै बहु सुख पावत॥
कहत राम सुन्दर प्रभु दासा।
शनि सुमिरत सुख होत प्रकाशा॥
दोहा
पाठ शनिश्चर देव को, की हों ‘भक्त’ तैयार।
करत पाठ चालीस दिन, हो भवसागर पार॥
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FAQ
औरतों को शनि देव की पूजा करनी चाहिए या नहीं:
शनि देव की पूजा विभिन्न धार्मिक सामाजिक परंपराओं में महत्वपूर्ण है। यह व्यक्ति को अधिक उच्च मानकों और धार्मिकता की दिशा में मार्गदर्शन करने का साधन हो सकता है। औरतें भी शनि देव की पूजा कर सकती हैं, यह उन्हें संतुलन, संरचना, और आध्यात्मिक विकास में मदद कर सकता है।
शनि दोष के लक्षण:
- आधिक्य: व्यक्ति अधिक विचारशील हो सकता है और छोटी बातों पर भी चिंतित रह सकता है।
- स्वास्थ्य समस्याएं: शनि दोष से जुड़े व्यक्ति को स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- विघ्न और कठिनाईयां: जीवन में विभिन्न क्षेत्रों में विघ्न और कठिनाईयां आ सकती हैं।
कुंभ राशि वाले शनि देव को कैसे प्रसन्न करें:
- शनि देव के मंत्र का जाप करें।
- शनि चालीसा का पाठ करें।
- शनि देव की पूजा विधिवत करें।
शनि को तुरंत खुश करने के उपाय:
- शनिवार को नीला कपड़ा पहनें।
- शनि देव के मंदिर में पुरुषों के लिए तेल का दीपक जलाएं।
- शनि देव के उपास्य स्थल को साफ-सुथरा रखें।
शनिदेव को खुश करने के 6 उपाय:
- शनि देव का ध्यान करें।
- शनि देव के श्लोक या मंत्र का जाप करें।
- नीले रंग के कपड़े पहनें।
शनि पूजा मंत्र: “ॐ शं शनैश्चराय नमः”
शनिदेव की पूजा कैसे करनी चाहिए:
- पूजा स्थल को शुद्ध करें।
- शनि देव की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर पूजा करें।
- शनि चालीसा या मंत्र का पाठ करें।
शनि देव को खुश करने का मंत्र: “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः”
यह सभी उपाय और विधियाँ व्यक्ति को शनि देव के प्रति श्रद्धा और आस्था में मदद कर सकती हैं और शनि दोष से मुक्ति प्रदान कर सकती हैं।